Mujhe Kuchh Kahna Hai

मुझे कुछ कहना है (मुझे भी कुछ कहना है)
मुझे कुछ कहना है (मुझे भी कुछ कहना है)
पहले तुम (पहले तुम), पहले तुम (पहले तुम)
पहले तुम (तुम), तुम (तुम), तुम (तुम), तुम (तुम)

देखो, जिस तरह लखनऊ के दो नवाबों की गाड़ी
पहले आप, पहले आप, पहले आप
पहले आप करती निकल गई थी
उस तरह हमारी पहले तुम, पहले तुम, पहले तुम
पहले तुम में ये मस्ती भरी रुत ना चली जाए
अच्छा, मैं कैसी हूँ?

Hmm, अक्सर कोई लड़की इस हाल में
किसी लड़के से १६वे साल में
जो कहती है वो मुझे कहना है

अक्सर कोई लड़का इस हाल में
किसी लड़की से १६वे साल में
जो कहता है वो मुझे कहना है

अक्सर कोई लड़की...
हाँ, अक्सर कोई लड़का...
हाँ-हाँ, अक्सर कोई लड़की इस हाल में

ना आँखों में नींद, ना दिल में क़रार
यही इंतज़ार, यही इंतज़ार
तेरे बिना कुछ भी अच्छा नहीं लगता
सब झूठा लगता है, सच्चा नहीं लगता

ना घर में लगे दिल, ना बाहर कहीं पर
बैठी हूँ कहीं पर, खोई हूँ कहीं पर

अरे, कुछ ना कहूँ, चुप रहूँ मैं
नहीं-नहीं-नहीं, नहीं-नहीं-नहीं
पर अब मुश्किल चुप रहना है

मुझे कुछ कहना है (मुझे भी कुछ कहना है)
पहले तुम (पहले तुम), पहले तुम (पहले तुम), पहले तुम

मुझे रात-दिन नहीं और काम
कभी तेरी याद, कभी तेरा नाम
सब रंग दुनिया के फीके लगते हैं
एक तेरे बोल बस मीठे लगते हैं

लिखे हैं बस तेरे सजदे इस जबीं पर
ज़िंदा हूँ मैं तेरी बस हाँ पर, नहीं पर

अरे, कुछ ना कहूँ, चुप रहूँ मैं
नहीं-नहीं-नहीं, नहीं-नहीं-नहीं
पर अब मुश्किल चुप रहना है

मुझे कुछ कहना है (मुझे भी कुछ कहना है)
पहले तुम (पहले तुम), पहले तुम (पहले तुम)
तुम (तुम), तुम (तुम)

मिले हम को फूल कि काँटे मिले
वहाँ जा बसे, वहाँ जा रहे
तुझे मिलने में जहाँ डर ना हो कोई
पिया के सिवाय दूजा घर ना हो कोई

क्या ऐसी जगह है कोई इस ज़मीं पर?
रहने दे बात को यहाँ पर, यहीं पर

अरे, कुछ ना कहूँ, चुप रहूँ मैं
नहीं-नहीं-नहीं, नहीं-नहीं-नहीं
पर अब मुश्किल चुप रहना है

Hmm, अक्सर कोई लड़की इस हाल में
किसी लड़के से १६वे साल में
जो कहती...
जो कहता है वो मुझे कहना है

अक्सर कोई लड़की...
हो, अक्सर कोई लड़का...
हो, अक्सर कोई लड़की इस हाल में



Credits
Writer(s): Anand Bakshi, Kudalkar Laxmikant, Pyarelal Ramprasad Sharma
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