Haath Chhudake Mere Hathon Se - From "Gumrah"

हाथ छुड़ाके मेरे हाथों से
ऐसे ना रूठो मेरी बातों से
आगे ना जाना नयी राहों में
आना पड़ेगा मेरी बाँहों में

हाथ छुड़ाके मेरे हाथों से
ऐसे ना रूठो मेरी बातों से
आगे ना जाना नयी राहों में
आना पड़ेगा मेरी बाँहों में

पगली, ओ, रुक पगली
ओ, रुक पगली

जलपरी, ओ, मेरी जलपरी
देख ले पलट के मौजों के इशारे
मनचली, अरी, ओ, मनचली
तेरी बे-रुख़ी पे हँसते हैं किनारे

आ, दिल में रख लूँ मैं तुझको जान-ए-जाँ

हाथ छुड़ाके मेरे हाथों से
ऐसे ना रूठो मेरी बातों से
आगे ना जाना नयी राहों में
आना पड़ेगा मेरी बाँहों में

पगली, ओ, रुक पगली
ओ, रुक पगली

फुलझड़ी, बनी है फुलझड़ी
दिल की धड़कनों से बे-ख़बर जवानी
हँस पड़ी, ओ, देखो हँस पड़ी
मेरे दिल की रानी, मेरी ज़िंदगानी

मंज़िल पे आ पहुँचा मेरा कारवाँ

हाथ छुड़ाके मेरे हाथों से
ऐसे ना रूठो मेरी बातों से
आगे ना जाना नयी राहों में
आना पड़ेगा मेरी बाँहों में

ओ, पगली, ओ, रुक पगली
ओ, रुक पगली



Credits
Writer(s): Usha Khanna
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