Saagar Kinare - From "Saagar"

ओ, सागर किनारे, साँझ-सवेरे
हल्के उजाले, हल्के अँधेरे

क्यूँ हैं ये दूरियाँ? क्या हैं मजबूरियाँ?
दिल जो पूछे, क्या कहूँ?
ग़म की गहराइयाँ, ऐसी तन्हाइयाँ
हाय, कैसे मैं सहूँ?

तू नहीं पास तो क्या मेरे पास है?
एक ही ख़्वाब है, एक ही आस है

तेरी ही यादें, तेरी ही बातें
बीते ना ये दिन, बीते ना रातें
तेरी दीवानी कब से सोई नहीं है

सागर किनारे दिल ये पुकारे
"तू जो नहीं तो मेरा कोई नहीं है"
हो-हो-हो, सागर किनारे...



Credits
Writer(s): R. D. Burman, Javed Akhtar
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