Bombay Town

हर अंधेरे के पीचे एक सवेरा यहा
हर सवेरे के पीचे एक अंधेरा यहा
है समंदर किनारे सेहर यू बसा
खुद भी जैसे समंदर सेहर है लग रहा
सेहर है एक समंदर जैसे हालात का
सेहर है एक समंदर कितने जस्बात का
आसोंकी है मौजे मुश्किलो के भवर
जो नही तीर पाया रहगया डूब कर
तूफानी सेहर है
हर पल एक लहर है अमृत है ज़हर है
मौत भी दे जीवन भी दे
हे ये है बॉम्बे तोवन...

कोई देखे जिधर भी कितने इंसान है
और सब के दिलो मे कितने अरमान है
कितने गम और खुशिया पल रहे है यहा
लोग ख्वाबो के पीचे चल रहे है यहा
ठोकरे कहरहे है अब इधर अब उधर
एक इंसानी जंगले जैसे है यह नगर
तूफानी सेहर जीवन भी दे
हे यह है बॉम्बे तोवन...

शाम है न सवेरा दिन है न रात है
जाने कैसा यह पल है जाने क्या बात है
कह रही है यह राहे कोई खोने को है
कह रही हवाए कुछ तो होने को है
गम का लाबा समेटे दिल है कबसे दुखी
फटने वाला है देखो अब यह ज्वालामुखी
तूफानी सेहर जीवन भी दे
हे यह है बॉम्बे तोवन.
बॉम्बे यह है बॉम्बे तोवन.
हे यह है बॉम्बे तोवन



Credits
Writer(s): Javed Akhtar, Sandesh Shandilya
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