Khari Khari

खरी-खरी
रे, इसक ने खरी-खरी
सुणा दी खरी, रे, सैयाँ
सुणा दी खरी, रे, सैयाँ

खरी-खरी
रे, इसक ने खरी-खरी
सुणा दी खरी, रे, सैयाँ
सुणा दी खरी, रे, सैयाँ

रे, आँधी रुकी, ना थमी
रे, साँझ ना दिन में ढली
प्रीत के गाँव में पाँव पड़े थे
संग थारे जग छोड़ चले थे

रे, पग-पग बेचैनी
रे, आहट सोर बणी
सारे सिया हुए चोखे नजारे
राझण यार ने किया ये क्या रे

खरी-खरी
रे इसक ने खरी-खरी
सुणा दी खरी, रे, सैयाँ
सुणा दी खरी, रे, सैयाँ

नीले रंग री, री चुनड़ी, छाट पड्यो रंग जाए रे, हो
तानु घेणारी दोस्ती भीड़ पड्या भगी जाए

रे, आँधी रुकी, ना थमी
रे, साँझ ना दिन में ढली
प्रीत के गाँव में पाँव पड़े थे
संग थारे जग छोड़ चले थे

रे, पग-पग बेचैनी
रे, आहट सोर बणी
सारे सिया हुए चोखे नजारे
राझण यार ने किया ये क्या रे

खरी-खरी
रे, इसक ने खरी-खरी
सुणा दी खरी, रे, सैयाँ
सुणा दी खरी, रे, सैयाँ

खरी-खरी
रे, इसक ने खरी-खरी
सुणा दी खरी, रे, सैयाँ
सुणा दी खरी, रे, सैयाँ



Credits
Writer(s): Amit Trivedi, Shellee
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link