Akela Hu Main

अकेला हूँ मैं
अकेली है ज़िन्दगी
बस तुम्हारी चाहतें
बस तुम्हारी चाहतें
मेरे जिस्म-ओ-जान को तुम्हारी ज़रूरतें
बस तुम्हारी चाहतें
बस तुम्हारी चाहतें

तुम्हारे लिए ही तो
सीने में धड़कन है
तुम्हारे लिए ही तो
साँसों में तड़पन है

जो तुम ही नहीं हो तो कुछ भी नहीं है
फूलों में ख़ुश्बू है न कांटों में रंजिश है

तुम्ही मेरी प्यास हो
तुम्ही मेरी बंदगी
बस तुम्हारी चाहतें
बस तुम्हारी चाहतें

ओ मुसाफिर हूँ मैं
तू मेरी मंज़िल है
खुदा सो जो मांगी मैंने
तू ही वो मन्नत है
सजदा करूँ मैं, मांगूँ दुआएं
मेरे खुदा तू मुझपे इतना करम कर दे

मेरे अरमानों की तू ही तो ख़्वाहिश है
बस तुम्हारी चाहतें
बस तुम्हारी चाहतें
अकेला हूँ मैं
अकेली है ज़िन्दगी



Credits
Writer(s): Subash L. Patel
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