Alvida

जाग सुना सुना
टेहरा टेहरा सा

मेरा सपना अपना गेहरा गेहरा
जाग सुना सुना
टेहरा टेहरा सा
मेरा सपना अपना गेहरा गेहरा

सारे सहर की जगमग के बितर है अंधेरा

हर मुस्कान के पीछे छुपा हुआ गुम का चेहरा
यही है सच तो हरपाल को जी लू में जी भर के

और हास हास के यह कह दूं दुखो के पठार से
अलविदा... अलविदा
अलविदा... अलविदा...

कोई वक़्त के आयेज हरा हरा सा
कोई प्यार में फिरता मारा मारा सा

दिल के रिस्टन में क्यों दर्द हमेशा मिलता है
और क्यों काँटों पेर ही फूल सुखो का खिलता है
यही है सच तो में इश्स सच को ही अप्नौँगा
मार भी जौंगा तो में प्यार अमर कर जौंगा
अलविदा... आ
अलविदा... अलविदा...
अलविदा... अलविदा...
अलविदा... अलविदा...
अलविदा... अलविदा...
ज़िंदगी ना मिल अजनबी बनके
ज़िंदगी ना मिल अजनबी बनके
बंदगी शामिल हर दुआ बनके
बंदगी शामिल हर दुआ बनके
ज़िंदगी ना मिल अजनबी बनके
बंदगी शामिल हर दुआ बनके



Credits
Writer(s): Paresh, Kailash Kher, Naresh
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