Aur Kya

तुम आए तो हवाओं में एक नशा है
तुम आए तो फ़िज़ाओं में रंग सा है

ये रंग सारे हैं बस तुम्हारे
और क्या? और क्या? और क्या?
और क्या? और क्या? और क्या?

तुम आए तो हवाओं में एक नशा है
तुम आए तो फ़िज़ाओं में रंग सा है

ये रंग सारे हैं बस तुम्हारे
और क्या? और क्या? और क्या?

तुम आए हो तो देख लो
नया-नया सा लगे ये जहाँ, हो

हसीं-हसीं है ये ज़मीं
धुला-धुला सा है ये आसमाँ

तुम हो तो है ये समाँ
और क्या? और क्या?
और क्या? और क्या?

धड़क रहा है दिल मेरा
झुकी-झुकी हैं पलकें यहाँ, हो

जो दिल में हो, वो कह भी दो
रुकी-रुकी सी है ये दास्ताँ

जज़्बात माँगे ज़बाँ
और क्या? और क्या?
और क्या? और क्या?

तुम आए तो हवाओं में एक नशा है
तुम आए तो फ़िज़ाओं में रंग सा है

ये रंग सारे हैं बस तुम्हारे
और क्या? और क्या? और क्या?
और क्या? और क्या? और क्या?



Credits
Writer(s): Jatin Pandit, Lalitraj Pandit
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link