Bolo Kahan Gaye The

ढीला पैजामा, रेशम का कमरबंद
बोलो, कहाँ गए थे?
ढीला पैजामा, रेशम का कमरबंद
बोलो, कहाँ गए थे?

होंठों पे लाली, हाथों में है गुलकंद
बोलो, कहाँ गए थे? (बोलो, कहाँ गए थे?)

रेशम का लहँगा, चुनरी का उड़ा रंग
बोलो, कहाँ गए थे?
रेशम का लहँगा, चुनरी का उड़ा रंग
बोलो, कहाँ गए थे?

बिखरी हैं ज़ुल्फ़ें, मुरझाया है ये अंग
बोलो, कहाँ गए थे? (बोलो, कहाँ गए थे?)
हाँ, ढीला पैजामा, रेशम का कमरबंद
बोलो, कहाँ गए थे? (बोलो, कहाँ गए थे?)

जब देखो, तब मच्छी के बाज़ार में
(जब देखो, तब मच्छी के बाज़ार में)
जब देखो, तब मच्छी के बाज़ार में
(जब देखो, तब मच्छी के बाज़ार में)

हाथों में पैसा, दौलत पे नज़र-बंद
बोलो, कहाँ गए थे?
हाँ, हाथों में पैसा, दौलत पे नज़र-बंद
बोलो, कहाँ गए थे?

हो, ढीला पैजामा, रेशम का कमरबंद
बोलो, कहाँ गए थे? (बोलो, कहाँ गए थे?)

कल तुम्हें देखा था ढाबे वाले मोड़ पे
(कल तुम्हें देखा था ढाबे वाले मोड़ पे)
कल तुम्हें देखा था ढाबे वाले मोड़ पे
(कल तुम्हें देखा था ढाबे वाले मोड़)

बालों में गजरा था और कोई संग
बोलो, कहाँ गए थे?
हाँ, बालों में गजरा था और कोई संग
बोलो, कहाँ गए थे?

रेशम का लहँगा, चुनरी का उड़ा रंग
बोलो, कहाँ गए थे? (बोलो, कहाँ गए थे?)

सज के, सँवर के बैठी थी बाग़ में
(सज के, सँवर के बैठी थी बाग़ में)
सज के, सँवर के बैठी थी बाग़ में
(सज के, सँवर के बैठी थी बाग़ में)

देख के वहाँ तुम्हें, मैं रह गया था दंग
बोलो, कहाँ गए थे?
देख के वहाँ तुम्हें, मैं रह गया था दंग
बोलो, कहाँ गए थे?

रेशम का लहँगा, चुनरी का उड़ा रंग
बोलो, कहाँ गए थे? (बोलो, कहाँ गए थे?)

तुम को पता है, तुम को ख़बर है
(तुम को पता है, तुम को ख़बर है)
तुम को पता है, तुम को ख़बर है
(तुम को पता है, तुम को ख़बर है)

साजन जाए जहाँ पे सजनी के संग
हम तो वहाँ गए थे
हाँ, साजन जाए जहाँ पे सजनी के संग
हम तो वहाँ गए थे

ढीला पैजामा, रेशम का कमरबंद
बोलो, कहाँ गए थे? (बोलो, कहाँ गए थे?)
रेशम का लहँगा, चुनरी का उड़ा रंग
बोलो, कहाँ गए थे?

ढीला पैजामा, रेशम का कमरबंद
बोलो, कहाँ गए थे?
रेशम का लहँगा, चुनरी का उड़ा रंग
बोलो, कहाँ गए थे?

होंठों पे लाली, हाथों में है गुलकंद
बोलो, कहाँ गए थे?
बिखरी हैं ज़ुल्फ़ें, मुरझाया है ये अंग
बोलो, कहाँ गए थे?



Credits
Writer(s): Saifi Nadeem, Rathod Shravan
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