Paani Paani Re

पानी, पानी रे, खारे पानी रे
पानी, पानी रे, खारे पानी रे
नैनों में भर जा
नींदें ख़ाली कर जा

पानी, पानी रे, खारे पानी रे
पानी, पानी रे, खारे पानी रे
नैनों में भर जा
नींदें ख़ाली कर जा

पानी, पानी, इन पहाड़ों की ढलानों से उतर जाना
धुआँ-धुआँ कुछ वादियाँ भी आएँगी, गुज़र जाना
एक गाँव आएगा, मेरा घर आएगा

जा, मेरे घर जा
नींदें ख़ाली कर जा

ये रुदाली जैसी रातें जगरातों में बिता देना
मेरी आँखों में जो बोले मीठे पाखी तो उड़ा देना
बर्फ़ों में लगे मौसम पिघले

मौसम हरे कर जा
नींदें ख़ाली कर जा

पानी, पानी रे, खारे पानी रे
पानी, पानी रे, खारे पानी रे
नैनों में भर जा
नींदें ख़ाली कर जा



Credits
Writer(s): Gulzar, Vishal Bhardwaj
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