Kal Raat Jahan Mein

हर गोशा गुलिस्ताँ था, कल रात जहाँ मैं था
हर गोशा गुलिस्ताँ था, कल रात जहाँ मैं था
इक जश्न-ए-बहाराँ था, कल रात जहाँ मैं था
हर गोशा गुलिस्ताँ था, कल रात जहाँ मैं था

नग़्मे थे हवाओं में, जादू था फ़िज़ाओं में
नग़्मे थे हवाओं में, जादू था फ़िज़ाओं में
हर साँस ग़ज़ल-ख़्वाँ था, कल रात जहाँ मैं था
हर साँस ग़ज़ल-ख़्वाँ था, कल रात जहाँ मैं था

दरिया-ए-मोहब्बत में कश्ती थी जवानी की
दरिया-ए-मोहब्बत में कश्ती थी जवानी की
जज़्बात का तूफ़ाँ था, कल रात जहाँ मैं था
हर गोशा गुलिस्ताँ था, कल रात जहाँ मैं था

महताब था बाँहों में, जल्वे थे निगाहों में
महताब था बाँहों में, जल्वे थे निगाहों में
हर सिम्त चराग़ाँ था, कल रात जहाँ मैं था
हर गोशा गुलिस्ताँ था, कल रात जहाँ मैं था
इक जश्न-ए-बहाराँ था, कल रात जहाँ मैं था



Credits
Writer(s): Jagjit Singh, Khalid Kuwaitvi
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