Meri Tarah

मेरी तरह, मेरी ज़िंदगी रात भर मुझे ढूँढती रही
होश गुम हो गए थे, दोस्तों के घर की छत पे

मेरी तरह, मेरी ज़िंदगी रात भर मुझे ढूँढती रही

हाए, जल जाएँ ये काली घटाएँ
हाए, जल जाएँ ये काली घटाएँ
तारों से आगे ये महफ़िल सजाएँ
हो, होश गुम हो गए थे, बादलों पे चल रहे थे

मेरी तरह, मेरी ज़िंदगी रात भर मुझे ढूँढती रही

कैसे तुझे मैं अब भूल पाऊँ?
कैसे तुझे मैं अब भूल पाऊँ?
सपने में आके मैं तुझ को सताऊँ
हो, होश गुम हो गए थे, तुम मुझे मिल गए थे

मेरी तरह, मेरी ज़िंदगी रात भर मुझे ढूँढती रही
ढूँढती रही, मेरी ज़िंदगी (whoa)
—मुझे ढूँढती रही



Credits
Writer(s): Mohit Chauhan
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