Jhumti Chali Hawa

झूमती चली हवा
झूमती चली हवा याद आ गया कोई
बुझती-बुझती आग को फिर जला गया कोई
झूमती चली हवा

खो गई है मंज़िलें, मिट गए है रास्ते
खो गई है मंज़िलें, मिट गए है रास्ते
गर्दिशें ही गर्दिशें अब है मेरे वास्ते
अब है मेरे वास्ते

और ऐसे में मुझे फिर बुला गया कोई
झूमती चली हवा

चुप है चाँद-चाँदनी, चुप ये आसमान है
चुप है चाँद-चाँदनी, चुप ये आसमान है
मीठी-मीठी नींद में सो रहा जहान है
सो रहा जहान है

आज आधी रात को क्यूँ जगा गया कोई?
झूमती चली हवा याद आ गया कोई

बुझती-बुझती आग को फिर जला गया कोई
झूमती चली हवा याद आ गया कोई
याद आ गया कोई



Credits
Writer(s): Shailendra, S.n.tripathi S.n.tripathi
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