Mannat

तीखी-तीखी अदा से तेरी चटकने लगे
अटकने लगे इरादे मेरे
लहकी-लहकी लटों से तेरी उलझने लगे
सुलझने लगे हैं वादे मेरे

तीखी-तीखी अदा से तेरी चटकने लगे
अटकने लगे इरादे मेरे
लहकी-लहकी लटों से तेरी उलझने लगे
सुलझने लगे हैं वादे मेरे

दरिया ना सही, तू चाहत का
दे-दे ना मुझे बस एक क़तरा
तिनका-तिनका मेरे दिल का
करता है तुझसे दुआ

मेरी मन्नत तू, तुझको है तुझसे माँगा
मेरी मन्नत तू, तुझको है मौला माना
मेरी मन्नत तू, तुझको है तुझसे माँगा
मेरी मन्नत तू, तुझको है मौला माना

मेरी मन्नत तू, मेरी मन्नत तू
मेरी मन्नत तू, मेरी मन्नत तू

झटक-झटक ज़ुल्फ़ों की गुजरिया, गुजरिया, गुजरिया
झटक-झटक ज़ुल्फ़ों की गुजरिया
मारे रे, मारे रे फटकारे
छट-छटक-मटक नैनों से बिजुरिया
मारे रे, मारे रे छटकारे (छटकारे, छटकारे)

घन-घन-घनघोर घटा मेरा जोबन
अंग-अंग अंगारा
लपटों से लिपट जाना मेरी
हर रंग के रसिया को है प्यारा

हाँ, जल-जल, तप-तप बस आँच नहीं
मेरी बूँद-बूँद ठंडाई
झर-झर भर-भर गागर में सागर
छनक-छन-छनन-छन प्रीत बरसाई

तू है ठुमरी, दादरा मैं, राग मैं, तू रागिनी है
सुर से मेरे सुर मिला ले, गाए जहाँ
काला-गोरा, हर रंग मोरा
काला-गोरा, हर रंग मोरा
करता है तुझसे दुआ

मेरी मन्नत तू, मेरी मन्नत तू
मेरी मन्नत तू, मेरी मन्नत तू

आँखों में लाखों इशारे तेरे
पलकों में आजा छुपा लूँ मेरे
अपनी नज़र का मैं टीका करूँ
सब की नज़र से बचा लूँ तुझे

छुप-छुप के चंदा जो ताड़े तुझे
मुड़-मुड़ के तारे जो ताकें तुझे
चीर के रातों की आवारगी
तिल-तिल जला दूँ मैं आगे तेरे

मेरी मन्नत तू, तुझको है तुझसे माँगा
मेरी मन्नत तू, तुझको है मौला माना
मेरी मन्नत तू, तुझको है तुझसे माँगा
मेरी मन्नत तू, तुझको है मौला माना

मेरी मन्नत तू, मेरी मन्नत तू
मेरी मन्नत तू, मेरी मन्नत तू



Credits
Writer(s): Kausar Munir, Sajid Khan, Vajid Khan
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