Yun Na Jao

यूँ ना जाओ कि बहुत रात अभी बाक़ी है
यूँ ना जाओ कि बहुत रात अभी बाक़ी है
मेरे हिस्से की मुलाक़ात अभी बाक़ी है
यूँ ना जाओ कि बहुत रात अभी बाक़ी है
मेरे हिस्से की मुलाक़ात अभी बाक़ी है
यूँ ना जाओ...

चाँदनी रात का हर कर्ज़ उतारा हमने
चाँदनी रात का हर कर्ज़ उतारा हमने
चाँदनी रात का हर कर्ज़ उतारा हमने
प्यासे अरमानों की बारात अभी बाक़ी है
यूँ ना जाओ कि बहुत रात अभी बाक़ी है
यूँ ना जाओ...

उसके होंटों के गुलाबा आज भी ताज़ा हैं, ज़मीर
उसके होंटों के गुलाबा आज भी ताज़ा हैं, ज़मीर
उसके होंटों के गुलाबा आज भी ताज़ा हैं, ज़मीर
एक महकती हुई सौग़ात अभी बाक़ी है

यूँ ना जाओ कि बहुत रात अभी बाक़ी है
मेरे हिस्से की मुलाकात अभी बाक़ी है
यूँ ना जाओ, यूँ ना जाओ, यूँ ना जाओ



Credits
Writer(s): Zamir Kazmi, Ali Ghani
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