Introduction

अजनबी हवाओं के झोंके
वक़्त के पन्नों को एक-एक करके पलट रहे
गुज़रे हुए लम्हें, बिछड़ी हुई यादें
दूर से आईना दिखा रही हैं
ना जाने कितनी खोई हुई कहानियों के चेहरे सजा रही है

आइए, अब बढ़ते हुए वक़्त के रास्तों पर
हम पीछे की तरफ़ लौट चलें
कुछ देर के लिए क़दमों के वो निशान तलाए करें
जो कहीं लम्हों की धूल में छुप गए

मेरे बचपन की एक मासूम ख़्वाहिश
मैं भी बड़ा होकर एक फ़नकार बनूँ
अपने बड़े दोनों भाइयों, Manhar जी और Nirmal जी
के साथ आपके सामने अपने फ़न को पेश कर सकूँ

तीन मौसम, अलग-अलग दिशाओं में बहने वाले
वक़्त के तीन धारों को क़रीब लाने की एक ख़ूबसूरत कोशिश
आने वाले लम्हों की चमकदार निशानी
मेरे बचपन की कहानी

ये सिर्फ़ तीन फ़नकारों की गाई हुई ग़ज़लों, नज़्मों और गीतों का नज़राना नहीं
बल्कि उन जज़्बात और एहसासात की वो हसीन तस्वीर है
जो हम इंसान की ज़िंदगी में कभी ना कभी उसके दिल में ज़रूर पैदा होती है

तीन मौसम, ज़िंदगी के हर मौसम की सुरीली आवाज़ है
मुझे यक़ीन है कि तीन मौसम का हर मौसम आपको पसंद आएगा
हमारे साथ ये गाते हुए, गुनगुनाते हुए मोहब्बतों का ये अंदाज़ सुबह-ओ-शाम रहे
बिछड़ भी जाएँ तो क़ायम दुआ, सलाम रहे



Credits
Writer(s): Pankaj Udhas
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