Aao Re Aao Mil Julkar

(आओ रे, आओ, मिल-जुल कर कर गाओ)
(आओ रे, आओ, मिल-जुल कर कर गाओ)
श्री गणपती की आरती, धन्य हो जिसको गा कर भारती
श्री गणपती की आरती, धन्य हो जिसको गा कर भारती

(आओ रे, आओ, मिल-जुल कर कर गाओ)
(आओ रे, आओ, मिल-जुल कर कर गाओ)

श्री गजवदन, वक्रतुंड, एकदंत
चतुर्भुज, महाकाय, पड़ गया वंत
शीश मुकुट सोने का, कानों में कुंडल
मोतियन की माल-मुंज, सोहे वक्षस्थल

उसपे छटा पीतांबरी
रूप को और भी जो निखारती

(आओ रे, आओ, मिल-जुल कर कर गाओ)
(आओ रे, आओ, मिल-जुल कर कर गाओ)

शुभ कार्य आरंभ जिसने किया है
सबसे पहले नाम इनका लिया है
ब्रह्म और देवों ने इनको सर झुकाया
मात-पिता, शिव-उमा भी इनको ध्याया

इनकी दया जिन पे रही
सदा उनके काज सँवारती

(आओ रे, आओ, मिल-जुल कर कर गाओ)
(आओ रे, आओ, मिल-जुल कर कर गाओ)

अद्भुत छवि, महिमा भी इनकी न्यारी
गणराज को भायी मूषक सवारी
भव-बाधा, रोग, दुख भक्तों का हरते
विद्या, धन, पुत्र, मोक्ष का दान करते

इनकी भक्ति नैया बनी
भव-सागर पार उतारती

(आओ रे, आओ, मिल-जुल कर कर गाओ)
(आओ रे, आओ, मिल-जुल कर कर गाओ)
श्री गणपती की आरती, धन्य हो जिसको गा कर भारती
श्री गणपती की आरती, धन्य हो जिसको गा कर भारती

(आओ रे, आओ, मिल-जुल कर कर गाओ)
(आओ रे, आओ, मिल-जुल कर कर गाओ)

(आओ रे, आओ, मिल-जुल कर कर गाओ)
(आओ रे, आओ, मिल-जुल कर कर गाओ)



Credits
Writer(s): Ravinder Rawal, Sangeet Amin
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