Sarkare Do Jahan Ki (From"Shariyat Bachaiye")

तहजीबे मगराबी का चढ़ा आज वह असर
बेपर्दा औरतें अब आने लगी नजर
उनकी खता नहीं है यह मर्दों की है खता
दी औरतों को आज जो बेपर्दागी अता
हरगिज़ ना मियां चड़के इन्हें सर पर रहने दो
यह घर की जीनतें हैं इन्हें घर में रहने दो



Credits
Writer(s): Aafaq Nizami, Mohd. Shafi Niyazi
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link