Kuch To Hawa Bhi Sard Thi

कुछ तो हवा भी सर्द थी
कुछ था तेरा ख़याल भी
कुछ तो हवा भी सर्द थी
कुछ था तेरा ख़याल भी
दिल को ख़ुशी के साथ-साथ
होता रहा मलाल भी
कुछ तो हवा भी सर्द थी
कुछ था तेरा ख़याल भी
दिल को ख़ुशी के साथ-साथ
होता रहा मलाल भी
कुछ तो हवा भी सर्द थी
कुछ था तेरा ख़याल भी

बात वो आधी रात की
रात वो पूरे चाँद की
बात वो आधी रात की
रात वो पूरे चाँद की
चाँद भी ऐन चेत का
उस पे तेरा जमाल भी

सब से नज़र बचा के वो
मुझ को कुछ ऐसे देखता
सब से नज़र बचा के वो
मुझ को कुछ ऐसे देखता
एक दफ़ा तो रुक गई
गर्दिश-ए-माह-ओ-साल भी

उस को न पा सके थे जब
दिल का अजीब हाल था
उस को न पा सके थे जब
दिल का अजीब हाल था
अब जो पलट के देखिए
बात थी कुछ मुहाल भी

मेरी तलब था एक शख़्स
वो जो नहीं मिला तो फिर
मेरी तलब था एक शख़्स
वो जो नहीं मिला तो फिर
हाथ दुआ से यूँ गिरा
भूल गया सवाल भी

कुछ तो हवा भी सर्द थी
कुछ था तेरा ख़याल भी
दिल को ख़ुशी के साथ-साथ
होता रहा मलाल भी
कुछ तो हवा भी सर्द थी
कुछ था तेरा ख़याल भी
दिल को ख़ुशी के साथ-साथ
होता रहा मलाल भी
कुछ तो हवा भी सर्द थी
कुछ था तेरा ख़याल भी



Credits
Writer(s): Nusrat Fateh Ali Khan, Perveen Shakir
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