Preet

जो मैं जानती कि प्रीत करे दुख होय
तो नगर ढिंढोरा पीटती, कहती; "प्रीत ना करियो कोय"

जो मैं जानती कि प्रीत करे दुख होय
तो नगर ढिंढोरा पीटती, कहती; "प्रीत ना करियो कोय"
जो मैं जानती कि मन खुद बैरी होय
हर डगर ढिंढोरा पीटती, कहती; "प्रीत ना करियो कोय"

(काहे बोले ऐसे बोल? काहे बोले ऐसे बोल?)
तो नगर ढिंढोरा पीटती, कहती; "प्रीत ना करियो कोय"
(अरे, धीमा-धीमा बोल, धीमा-धीमा-धीमा बोल)
हर डगर ढिंढोरा पीटती, कहती; "प्रीत ना करियो कोय"

काश कि यूँ हो जावे, नींद मेरी खुल जावे
और कोई कह दे हम से कि सपना था
काश कि यूँ हो जावे, नींद मेरी खुल जावे
और कोई कह दे हम से कि सपना था, कि सपना था

पर ये सच ना था
क्या जानूँ मैं कौन है सपना और सच कैसा होय

जो मैं जानती कि प्रीत में पागल होय
तो ढोल-नगाड़ा पीट के कहती; "प्रीत ना करियो कोय"
(काहे बोले ऐसे बोल? काहे बोले ऐसे बोल?)
हर डगर ढिंढोरा पीटती, कहती; "प्रीत ना करियो कोय"

नैन बने बंजारे, फिरते मारे-मारे
हर पल तेरी बाट निहारे, पल-पल भर-भर आए-आए
नैन बने बंजारे, फिरते मारे-मारे
हर पल तेरी बाट निहारे, पल-पल भर-भर आए-आए
पल-पल भर-भर आए-आए

मन मोरा मुरझाए
काहे तरसे? बदरा बरसे, दिल से निकले "हाय"

तो ढोल-नगाड़ा पीट के कहती; "प्रीत ना करियो कोय"
जो मैं जानती कि मन खुद बैरी होय
हर डगर ढिंढोरा पीटती, कहती; "प्रीत ना करियो कोय"
(प्रीत ना करियो कोय)



Credits
Writer(s): Amitabh Verma, Sneha Khanwalkar
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