Chain Aur Sukoon

चैन-ओ-सुकूँ खोने लगा
ये क्या मुझे होने लगा?
पहली दफ़ा मचला है दिल
दिल से बाहर निकला है दिल
बेताब हूँ, महव-ए-ख़्वाब हूँ
चैन-ओ-सुकूँ खोने लगा
ये क्या मुझे होने लगा?

कुछ आ रहा है, कुछ जा रहा है
आता-जाता हर पल तड़पा रहा है
आवारापन वो, दीवानापन वो
याद आ रहा है मस्तानापन वो

चैन-ओ-सुकूँ खोने लगा
ये क्या मुझे होने लगा?
पहली दफ़ा मचला है दिल
दिल से बाहर निकला है दिल

आती हवाएँ देके सदाएँ
कहती हैं, "गुज़रे लम्हे भुलाएँ"
हैं आज में ही हर ख़्वाब कल के
यूँ आज को भी छोड़ा ना जाए

चैन-ओ-सुकूँ खोने लगा
ये क्या मुझे होने लगा?
बेताब हूँ, महव-ए-ख़्वाब हूँ
चैन-ओ-सुकूँ खोने लगा
ये क्या मुझे होने लगा?



Credits
Writer(s): Zubeen Garg, Turaj
Lyrics powered by www.musixmatch.com

Link