Saaki Ka Saath To

कश्ती का ज़िक्र छोड़िए
साहिल ही डूबा जाता है, साहिल ही डूबा जाता है
लहरों से ख़ौफ़ की बातें क्या
तूफ़ाँ बढ़ता आता है, तूफ़ाँ बढ़ता आता है

साक़ी का...
साक़ी का साथ तो हो ही गया
ज़ाहिद की बात भी रह जाए
साक़ी का साथ तो...

झट से तौबा कर लो जी
झट से तौबा कर लो जी
प्याला छूटा जाता है, प्याला छूटा जाता है
साक़ी का साथ तो हो ही गया

दिल को यारों रोना क्या, अश्कों से ग़म धोना क्या
हुस्न की रंगीं महफ़िल में, हुस्न की रंगीं महफ़िल में
ईमाँ तक लूटा जाता है, ईमाँ तक लूटा जाता है

प्याला छूटा जाता है
प्याला छूटा जाता है
साक़ी का साथ तो हो ही गया
ज़ाहिद की बात भी रह जाए

मय-ख़ाने की हालत पर रहम अब मुझको आता है
मय-ख़ाने की हालत पर रहम अब मुझको आता है
मय-ख़्वारों की मस्ती में
सागर ही डूबा जाता है, सागर ही डूबा जाता है

प्याला छूटा जाता है
प्याला छूटा जाता है
साक़ी का साथ तो हो ही गया
ज़ाहिद की बात भी रह जाए

ज़मीं खिसकती जाए है, आशियाँ उड़ता जाए है
ज़मीं खिसकती जाए है, आशियाँ उड़ता जाए है
हज़ारों बिजलियाँ गिरती हैं
जब आसमाँ चूमा जाता है, जब आसमाँ चूमा जाता है

प्याला छूटा जाता है
प्याला छूटा जाता है
साक़ी का साथ तो हो ही गया
ज़ाहिद की बात भी रह जाए
साक़ी का साथ तो...

झट से तौबा कर लो जी
झट से तौबा कर लो जी
प्याला छूटा जाता है, प्याला छूटा जाता है
प्याला छूटा जाता है, प्याला छूटा जाता है
प्याला छूटा जाता है, प्याला छूटा जाता है



Credits
Writer(s): R. K. Majboor, Desai Kishore Kumar
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