Meri Nazuk Si Tabiyat

मेरी नाज़ुक सी तबियत पे कहीं वार ना हो
मेरी नाज़ुक सी तबियत पे कहीं वार ना हो
बस यही सोच के डरता हूँ कहीं प्यार ना हो
प्यार ना हो

मेरी नाज़ुक सी तबियत पे कहीं वार ना हो
बस यही सोच के डरता हूँ कहीं प्यार ना हो
प्यार ना हो

ये हसीं फूल से चेहरे, ये हसीनों का हुजूम
जी में आता है लिपट जाऊँ, चिपक जाऊँ, लूँ चूम
इन हसीं शोख़ सी कलियों में छिपा ख़ार ना हो
बस यही सोच के डरता हूँ कहीं प्यार ना हो
प्यार ना हो

जब कहीं प्यार से उठती हैं निगाहें
दिल के दरवाज़ों पे देती हैं सदाएँ
दिल मचलता है, सँभलता है, पलट आता है

सुख की इस आस तले दुख का संसार ना हो
बस यही सोच के डरता हूँ कहीं प्यार ना हो
प्यार ना हो

आँच देता हुआ जज़्बात को जिस्मों का गुदाज़
आँच देता हुआ जज़्बात को जिस्मों का गुदाज़
रूह को गरमाता हुआ, देता हुआ साज़
दिल को सब रास तो है, पास भी है, प्यास भी है

पल-दो-पल मौज़ मिले, घुटना दरकार ना हो
बस यही सोच के डरता हूँ कहीं प्यार ना हो
प्यार ना हो

मैं तो दीवाना हूँ, मैं प्यार की पीता हूँ
मैं तो दीवाना हूँ, मैं प्यार की पीता हूँ
ज़िंदगी कुछ भी हो मैं प्यार में जीता हूँ
है अगर सोच तो बस सोच यही है

दिल तो इक़रार करे, लब पे इनकार ना हो
बस यही सोच के डरता हूँ कहीं प्यार ना हो
मेरी नाज़ुक सी तबियत पे कहीं वार ना हो
बस यही सोच के डरता हूँ कहीं प्यार ना हो
प्यार ना हो

ये हसीं फूल से चेहरे, ये हसीनों का हो हुजूम
जी में आता है लिपट जाऊँ, चिपक जाऊँ, लूँ चूम
इन हसीं शोख़ सी कलियों में छिपा ख़ार ना हो
बस यही सोच के डरता हूँ कहीं प्यार ना हो
प्यार ना हो

बस यही सोच के डरता हूँ कहीं प्यार ना हो
प्यार ना हो
बस यही सोच के डरता हूँ कहीं प्यार ना हो
प्यार ना हो



Credits
Writer(s): R. K. Majboor, Desai Kishore Kumar
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