Main Peeta Nahin Hoon

मैं पीता नहीं हूँ, पिला दी गई है
मैं पीता नहीं हूँ, पिला दी गई है
नहीं शौक़ पीने का रखता हूँ, यारों
हर एक शाम थोड़ी सी चखता हूँ, यारों

मेरे ग़म में मस्ती मिला दी गई है
मुझे दर्द-ए-दिल की दवा दी गई है
मुझे दर्द-ए-दिल की दवा दी गई है

(होश में रहो, मेरे जानी)
(होश में रहो, मेरे जानी)
(होश में रहो, मेरे जानी)
(होश में रहो, मेरे जानी)

मुझे जब किसी से मोहब्बत नहीं थी
तो पीने-पिलाने की आदत नहीं थी
अगर मैं ना पीता, तो फिर कैसे जीता?
अगर मैं ना पीता, तो फिर कैसे जीता?

मोहबत में मुझ से जफ़ा की गई है
मुझे दर्द-ए-दिल की दवा दी गई है
मुझे दर्द-ए-दिल की दवा दी गई है
मैं पीता नहीं हूँ, पिला दी गई है

जो पीते नहीं हैं, अकेले खड़े हैं
यहाँ तो दीवानों के मेले लगे हैं
जो डूबा नशे में वही है मज़े में
जो डूबा नशे में वही है मज़े में

ये हर शाम साँसों को महका रही है
ये हर शाम साँसों को महका रही है
मुझे दर्द-ए-दिल की दवा दी गई है
मुझे दर्द-ए-दिल की दवा दी गई है
मैं पीता नहीं हूँ, पिला दी गई है

(होश में रहो, मेरे जानी)
(होश में रहो, मेरे जानी)
(होश में रहो, मेरे जानी)
(होश में रहो, मेरे जानी)

(होश में रहो, मेरे जानी)
(होश में रहो, मेरे जानी)
(होश में रहो, मेरे जानी)
(होश में रहो, मेरे जानी)



Credits
Writer(s): Nikhil-vinay, Sunil Jogi
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