Hum Bharat Ki Shaan Hai
भारतवर्ष में सभ्यता, संस्कृति और देशप्रेम की अपनी परंपराएँ हैं
जैसे-जैसे समय बदला और समय की ज़रूरतें बदली
देश के सपूतों ने इन परंपराओं को क़ायम रखने के लिए
अपने जी-जान की बाज़ी लगा दी
देश के इन सपूतों को हमेशा प्रेरणा मिली है
देशभक्त कवियों की अमर वाणी से, और ऐसी ही एक अमर वाणी
आज भी गूँज रही है संत तुकडोजी की कविताओं में
राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज की अपनी एक निराली शैली रही है
देशभक्ति के गीतों की रचना करने में
उनके गीतों में वो ताक़त है
कि देशप्रेम की अत्यंत प्रबल लहर ख़ून में जोश मारने लगती है
भारत देश की विविधता में एकता की ज्योत जलाने के लिए
समय-समय पर तुकडोजी ने देश के सपूतों का, सारी बाधाएँ तोड़
राष्ट्र-सेवा में तन, मन, धन से जुट जाने का आह्वान किया है
देशप्रेम की ये आवाज़
तुकडोजी ने कभी गाँव-गाँव जाकर सुनाई
और कभी सरहद पर
जंग लड़ते सिपाहियों के समीप पहुँचकर गुनगुनाई
जहाँ रणकंदन हुआ
उसी ज़मीन पर इस राष्ट्रसंत की खंजरी बजी
और राष्ट्रीय भावना के ओजस के स्वर
शोले बनकर देश के कोने-कोने में फैल गए
राष्ट्रसंत तुकडोजी की देशप्रेम, देशनिर्माण से रचि कुछ कविताएँ
साज़ और आवाज़ से सजकर, देश की शान
हमारे हर नौजवान के नाम अर्पित हैं, हम भारत की शान हैं
हम भारत की शान हैं (mmm-mmm, आ-आ)
वीरों की संतान हैं (mmm-mmm, आ-आ)
हम भारत की शान हैं, वीरों की संतान हैं
बढ़ो जवानों, लड़ो शत्रु से, चाहे वो बलिदान है
हम भारत की शान हैं, वीरों की संतान हैं
बढ़ो जवानों, लड़ो शत्रु से, चाहे वो बलिदान है
हम भारत की शान हैं
शहीदों के हम पुत्र हैं (आ-आ-आ-आ)
शील जनों के मित्र हैं (आ-आ-आ-आ)
शहीदों के हम पुत्र हैं, शील जनों के मित्र हैं
अन्याय और दग़ाबाज़ पर सदा चढ़े तूफ़ान हैं
शहीदों के हम पुत्र हैं, शील जनों के मित्र हैं
अन्याय और दग़ाबाज़ पर सदा चढ़े तूफ़ान हैं
हम भारत की शान हैं, वीरों की संतान हैं
बढ़ो जवानों, लड़ो शत्रु से, चाहे वो बलिदान है
पा मा पा मा पा मा गा पा पा नि धा नि
पा धा मा पा पा पा रे गा सा रे नि सा नि सा धा मा पा
पा मा पा मा पा मा गा पा पा नि धा नि
पा धा मा पा पा पा रे गा सा रे नि सा नि सा धा मा धा पा
आज़ादी की जंग है, फीका ना होवे रंग है
आज़ादी की जंग है, फीका ना होवे रंग है
शत्रु पर हो विजय हमारी, यही रहे आह्वान है
आज़ादी की जंग है, फीका ना होवे रंग है
शत्रु पर हो विजय हमारी, यही रहे आह्वान है
हम भारत की शान हैं, वीरों की संतान हैं
बढ़ो जवानों, लड़ो शत्रु से, चाहे वो बलिदान है
ग़ुलाम होने नहीं आए, चाहे लड़ते मर जाएँ
ग़ुलाम होने नहीं आए, चाहे लड़ते मर जाएँ
कहता तुकड्यादास, "हटो मत, जो हटते, नादान हैं"
ग़ुलाम होने नहीं आए, चाहे लड़ते मर जाएँ
कहता तुकड्यादास, "हटो मत, जो हटते, नादान हैं"
हम भारत की शान हैं, वीरों की संतान हैं
बढ़ो जवानों, लड़ो शत्रु से, चाहे वो बलिदान है
हम भारत की शान हैं, वीरों की संतान हैं
बढ़ो जवानों, लड़ो शत्रु से, चाहे वो बलिदान है
हम भारत की शान हैं
हम भारत की शान हैं
हम भारत की शान हैं
जैसे-जैसे समय बदला और समय की ज़रूरतें बदली
देश के सपूतों ने इन परंपराओं को क़ायम रखने के लिए
अपने जी-जान की बाज़ी लगा दी
देश के इन सपूतों को हमेशा प्रेरणा मिली है
देशभक्त कवियों की अमर वाणी से, और ऐसी ही एक अमर वाणी
आज भी गूँज रही है संत तुकडोजी की कविताओं में
राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज की अपनी एक निराली शैली रही है
देशभक्ति के गीतों की रचना करने में
उनके गीतों में वो ताक़त है
कि देशप्रेम की अत्यंत प्रबल लहर ख़ून में जोश मारने लगती है
भारत देश की विविधता में एकता की ज्योत जलाने के लिए
समय-समय पर तुकडोजी ने देश के सपूतों का, सारी बाधाएँ तोड़
राष्ट्र-सेवा में तन, मन, धन से जुट जाने का आह्वान किया है
देशप्रेम की ये आवाज़
तुकडोजी ने कभी गाँव-गाँव जाकर सुनाई
और कभी सरहद पर
जंग लड़ते सिपाहियों के समीप पहुँचकर गुनगुनाई
जहाँ रणकंदन हुआ
उसी ज़मीन पर इस राष्ट्रसंत की खंजरी बजी
और राष्ट्रीय भावना के ओजस के स्वर
शोले बनकर देश के कोने-कोने में फैल गए
राष्ट्रसंत तुकडोजी की देशप्रेम, देशनिर्माण से रचि कुछ कविताएँ
साज़ और आवाज़ से सजकर, देश की शान
हमारे हर नौजवान के नाम अर्पित हैं, हम भारत की शान हैं
हम भारत की शान हैं (mmm-mmm, आ-आ)
वीरों की संतान हैं (mmm-mmm, आ-आ)
हम भारत की शान हैं, वीरों की संतान हैं
बढ़ो जवानों, लड़ो शत्रु से, चाहे वो बलिदान है
हम भारत की शान हैं, वीरों की संतान हैं
बढ़ो जवानों, लड़ो शत्रु से, चाहे वो बलिदान है
हम भारत की शान हैं
शहीदों के हम पुत्र हैं (आ-आ-आ-आ)
शील जनों के मित्र हैं (आ-आ-आ-आ)
शहीदों के हम पुत्र हैं, शील जनों के मित्र हैं
अन्याय और दग़ाबाज़ पर सदा चढ़े तूफ़ान हैं
शहीदों के हम पुत्र हैं, शील जनों के मित्र हैं
अन्याय और दग़ाबाज़ पर सदा चढ़े तूफ़ान हैं
हम भारत की शान हैं, वीरों की संतान हैं
बढ़ो जवानों, लड़ो शत्रु से, चाहे वो बलिदान है
पा मा पा मा पा मा गा पा पा नि धा नि
पा धा मा पा पा पा रे गा सा रे नि सा नि सा धा मा पा
पा मा पा मा पा मा गा पा पा नि धा नि
पा धा मा पा पा पा रे गा सा रे नि सा नि सा धा मा धा पा
आज़ादी की जंग है, फीका ना होवे रंग है
आज़ादी की जंग है, फीका ना होवे रंग है
शत्रु पर हो विजय हमारी, यही रहे आह्वान है
आज़ादी की जंग है, फीका ना होवे रंग है
शत्रु पर हो विजय हमारी, यही रहे आह्वान है
हम भारत की शान हैं, वीरों की संतान हैं
बढ़ो जवानों, लड़ो शत्रु से, चाहे वो बलिदान है
ग़ुलाम होने नहीं आए, चाहे लड़ते मर जाएँ
ग़ुलाम होने नहीं आए, चाहे लड़ते मर जाएँ
कहता तुकड्यादास, "हटो मत, जो हटते, नादान हैं"
ग़ुलाम होने नहीं आए, चाहे लड़ते मर जाएँ
कहता तुकड्यादास, "हटो मत, जो हटते, नादान हैं"
हम भारत की शान हैं, वीरों की संतान हैं
बढ़ो जवानों, लड़ो शत्रु से, चाहे वो बलिदान है
हम भारत की शान हैं, वीरों की संतान हैं
बढ़ो जवानों, लड़ो शत्रु से, चाहे वो बलिदान है
हम भारत की शान हैं
हम भारत की शान हैं
हम भारत की शान हैं
Credits
Writer(s): Shri Tukdoji Maharaj, Rajesh Umale
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