Zindagi Tujhko

ज़िंदगी, तुझ को नए मोड़ पे ला ही देंगे
ज़िंदगी, तुझ को नए मोड़ पे ला ही देंगे
तू हमें कुछ भी ना दे, तू हमें कुछ भी ना दे
हम तो वफ़ा ही देंगे
ज़िंदगी, तुझ को नए मोड़ पे ला ही देंगे

वक्त एक ऐसी अदालत है कि मुजरिम खुद ही
वक्त एक ऐसी अदालत है कि मुजरिम खुद ही
वक्त एक ऐसी अदालत है कि मुजरिम खुद ही
एक दिन अपने गुनाहों की गवाही देंगे

ज़िंदगी, तुझ को नए मोड़ पे ला ही देंगे
तू हमें कुछ भी ना दे, तू हमें कुछ भी ना दे
हम तो वफ़ा ही देंगे
ज़िंदगी, तुझ को नए मोड़ पे ला ही देंगे

जिसने हम जैसे फ़क़ीरों को भी रखा प्यासा
जिसने हम जैसे फ़क़ीरों को भी रखा प्यासा
जिसने हम जैसे फ़क़ीरों को भी रखा प्यासा
उसकी ख़िदमत में भी हम चश्मा-ए-शाही देंगे

ज़िंदगी, तुझ को नए मोड़ पे ला ही देंगे
तू हमें कुछ भी ना दे, तू हमें कुछ भी ना दे
हम तो वफ़ा ही देंगे
ज़िंदगी, तुझ को नए मोड़ पे ला ही देंगे

क़ाफ़िला बन के रहेगा, हमें तनहा ना समझ
क़ाफ़िला बन के रहेगा, हमें तनहा ना समझ
क़ाफ़िला बन के रहेगा, हमें तनहा ना समझ
रास्ते भी हमें दो-चार तो राही देंगे

ज़िंदगी, तुझ को नए मोड़ पे ला ही देंगे
तू हमें कुछ भी ना दे, तू हमें कुछ भी ना दे
हम तो वफ़ा ही देंगे
ज़िंदगी, तुझ को नए मोड़ पे ला ही देंगे



Credits
Writer(s): Pandit K. Razdan, Jeetu Jeetu, Tapan Tapan
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