Tera Gham Agar Na Hota

ग़म ने तेरे जो मुझको सताया शबाब में
ग़म ने तेरे जो मुझको सताया शबाब में
मैंने डूबो दी अपनी जवानी शराब में

तेरे ग़म से मोहब्बत हो गई है
तेरे ग़म से मोहब्बत हो गई है
मुझे पीने की आदत हो गई है

तेरा ग़म अगर ना होता...
तेरा ग़म अगर ना होता तो शराब मैं ना पीता
तेरा ग़म अगर ना होता तो शराब मैं ना पीता

ये सितम अगर ना होता...
ये सितम अगर ना होता तो शराब मैं ना पीता
तेरा ग़म अगर ना होता तो शराब मैं ना पीता

मुझे उस से गिला क्या, बात है ये जग हँसाई की
मेरी क़िस्मत ने मुझको बख़्श दी घड़ीयाँ जुदाई की
दिखाया वक़्त ने अपना करिश्मा राह-ए-उल्फ़त में
ना उस ने बेवफ़ाई की, ना मैंने बेवफ़ाई की

हरजाई मैं नहीं हूँ, ना वो है बेवफ़ा
हरजाई मैं नहीं हूँ, ना वो है बेवफ़ा
बस वक़्त ने किया है मुझ से ज़रा दग़ा
चाहा था मैंने उसको ये है मेरी ख़ता

ये करम अगर ना होता...
ये करम अगर ना होता तो शराब मैं ना पीता
तेरा ग़म अगर ना होता तो शराब मैं ना पीता



Credits
Writer(s): Rani Mallik, Pyarelal Ramprasad Sharma, Laxmikant Shantaram Kudalkar
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