Dil Jab Se Toot Gaya

बड़े ही शान से जीता था पहले
बड़े ही शान से जीता था पहले
मैं भूले से नहीं पीता था पहले

हँस के देखता क्या है काँच के प्यालों में?
हँस के देखता क्या है काँच के प्यालों में?
आग का समुंदर है मेरे दिल के छालों में

दिल जब से टूट गया
दिल जब से टूट गया
कैसे कहें, कैसे जीते है?

दिल जब से टूट गया
कैसे कहें, कैसे जीते है?
कभी ज़्यादा, कभी कम पीते है
कभी ज़्यादा, कभी कम पीते है

जान-ए-वफ़ा, जाने ना तू
जान-ए-वफ़ा, जाने ना तू
ज़ख़्मों ग़म कैसे सीते है?
कैसे तेरे बिना हम जीते है
कैसे तेरे बिना हम जीते है

तेरा इक़रार झूठा है, तेरा ये प्यार झूठा है
तेरा इक़रार झूठा है, तेरा ये प्यार झूठा है
तू धोखेबाज़ है, अपना बना के हम को लूटा है

समझ में कुछ नहीं आता जिए किस के सहारे पर?
समझ में कुछ नहीं आता जिए किस के सहारे पर?
कोई अपना नहीं है, जब से तेरा साथ छूटा है

जाम का है सहारा, वरना क्या है हमारा?
जाम का है सहारा, वरना क्या है हमारा?
ये दवा जो ना पीते, हम भला कैसे जीते?

देखे मुड़ के जहाँ, है वहाँ बेबसी
बेख़ुदी बन गई अब मेरी ज़िंदगी

साथ तेरा छूट गया
कैसे कहें, कैसे जीते है?
कभी ज़्यादा, कभी कम पीते है
कभी ज़्यादा, कभी कम पीते है

हम ने वफ़ा की राह को आसाँ समझ लिया
हम ने वफ़ा की राह को आसाँ समझ लिया
काँटों की वादियों को गुलिस्ताँ समझ लिया

हम इस को आशिक़ी कहे या सादगी कहे?
हम इस को आशिक़ी कहे या सादगी कहे?
क़ातिल को हम ने अपना मेहरबाँ समझ लिया

तुझ पे कर के भरोसा हम ने खाया है धोखा
तुझ पे कर के भरोसा हम ने खाया है धोखा
पहले जो जान जाते, तुझ से दिल ना लगाते

अपनी हर आरज़ू आँसूओं में ढली
दर्द की आग में हर तमन्ना जली

किस को पता? किस को ख़बर?
ज़ख़्मों को ग़म कैसे सीते है?
कैसे तेरे बिना हम जीते है
कैसे तेरे बिना हम जीते है

दिल जब से टूट गया
कैसे कहें, कैसे जीते है?
कभी ज़्यादा, कभी कम पीते है
कभी ज़्यादा, कभी कम पीते है

जान-ए-वफ़ा, जाने ना तू
ज़ख़्मों ग़म कैसे सीते है?
कैसे तेरे बिना हम जीते है
कभी ज़्यादा, कभी कम पीते है



Credits
Writer(s): Saifi Nadeem, Rathod Shravan, Pandy Sameer (t)
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