Na Ro Ladli

ना रो, लाडली
तेरे दो आँसुओं की समंदर की आँखों में क़ीमत नहीं
ना रो, लाडली
तेरे दो आँसुओं की समंदर की आँखों में क़ीमत नहीं

बहुत पी चुका है ये आँखों का पानी
इसे और कोई ज़रूरत नहीं

ना रो, लाडली
तेरे दो आँसुओं की समंदर की आँखों में क़ीमत नहीं
ना रो, लाडली

कई कश्तियाँ इसके अंदर छुपी हैं
कई लाल माँओं के खोए हैं इसमें
कई कश्तियाँ इसके अंदर छुपी हैं
कई लाल माँओं के खोए हैं इसमें

है ये तो बड़ा ही पुराना सितमगर
इसे रहम खाने की आदत नहीं

ना रो, लाडली
तेरे दो– समंदर की आँखों में क़ीमत नहीं
ना रो, लाडली

ख़ज़ाने में इसके करोड़ों हैं मोती
तो क्यूँ इसने छीनी मेरे घर की ज्योती?
ख़ज़ाने में इसके करोड़ों हैं मोती
तो क्यूँ इसने छीनी मेरे घर की ज्योती?

ये चाहे तो लौटा दे संसार मेरा
मगर, इसमें इतनी शराफ़त नहीं

ना रो, लाडली
तेरे दो आँसुओं की समंदर की आँखों में क़ीमत नहीं

बहुत पी चुका है ये आँखों का पानी
इसे और कोई ज़रूरत नहीं

ना रो, लाडली
तेरे दो आँसुओं की समंदर की आँखों में क़ीमत नहीं
ना रो, लाडली



Credits
Writer(s): Rajinder Krishan, Ravi Shankar
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