Mohabbat Khuda Hai, Pt. 1

बस उसी दिन से दुश्मनी चली आ रही है
मैं जानती हूँ, Kais
इसीलिए तो तुम्हारे बाबा मुझे तुमसे दोस्ती नहीं करने देते
तो ये मुझे दे दो
मैं बाबा को दूँगी तो वो ख़ुश हो जाएँगे
फिर रोज़ मेरे घर आया करना, लाओ
नहीं-नहीं Laila, इस गंदी चीज़ को तुम तो हाथ भी ना लगाओ
तो फिर इसको तोड़-फोड़ कर यहीं फेंक दो
नहीं Laila, मैं इसे हमेशा-हमेशा के लिए ज़मीन में दफ़्न कर दूँगा
नहीं Kais, इस मुर्दार की क़ब्र ख़ुद इसी से खोदो

बस Kais, जल्दी दफ़न कर दो
इस बला ने बहुत से आदमियों को खाया है
अब नहीं खाएगी
अब तो ये मिट्टी इसकी हड्डियाँ-पसलियाँ सब खा जाएगी

ख़ूब अच्छी तरह से दबा दो, कहीं शैतान निकाल ना ले
बस, अब समझो आज से ये तलवार मर गई
मगर, Kais, (क्या?) एक तलवार के मर जाने से क्या होगा?
यहाँ तो सारे लोगों के पास तलवारें हैं
होने दो, Laila, जब मैं बड़ा हो जाऊँगा
तो सारी तलवारों के टुकड़े-टुकड़े करके ज़मीन में दफ़्न कर दूँगा, आओ

आक़ा, ये तलवार (लाओ)
ख़बरदार, Kais को ख़बर ना हो (बहुत अच्छा)

یا حَبِیبی
یا حَبِیبی
یا حَبِیبی

मोहब्बत के नग़्में हैं दोनों जहाँ में
मोहब्बत के जलवे जमीं-आसमाँ में
नहीं कोई दिल भी मोहब्बत से ख़ाली
मोहब्बत के चर्चे हर एक दास्ताँ में

मोहब्बत ना हो तो ज़माने में क्या है
मेरे साज़-ए-दिल की यही अब सदा है

मोहब्बत ख़ुदा है, मोहब्बत ख़ुदा है
मोहब्बत ख़ुदा है, मोहब्बत ख़ुदा है

मोहब्बत की दुनिया बहारों से आगे
मोहब्बत की महफ़िल नज़ारों से आगे
मोहब्बत की ठोकर में सारा ज़माना
मोहब्बत की मंज़िल सितारों से आगे

बहुत दूर तक प्यार का सिलसिला है
मेरे साज़-ए-दिल की यही अब सदा है

मोहब्बत ख़ुदा है, मोहब्बत ख़ुदा है
मोहब्बत ख़ुदा है, मोहब्बत ख़ुदा है



Credits
Writer(s): Naushad, Khumar Barabankvi
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