Pyar Kehte Hain Jise

Kais, Kais
Kais, मैं जानती थी, तुम ज़िंदा हो
मैं जानती थी, तुम आओगे
मेरी तरफ़ देखते क्यूँ नहीं Kais?
ख़फ़ा ना हो, लैला ने पैमान-ए-वफ़ा तोड़ा नहीं

यहाँ कोई नहीं है, Kais
अपनी लैला को गले से लगा लो, Kais
Kais

तुम!
तुम कौन हो?
मैं दमिश का हाकिम
Shehzada Ibn-E-Salaam
और तुम मेरी मल्लिका

नहीं, नहीं
Kais, कहाँ हो?
तुम कहाँ हो, Kais?
Kais, तुम कहाँ हो?

Adam, कहाँ है वो जादूगर बूढ़ा? तलाश करो उसे
ना-ना-ना, हुज़ूर की शान में गुस्ताख़ी
गुस्ताख़ी! उस मनहूस मोती ने हमारे सारे अरमानों को ख़ाक में मिला दिया
लैला की याद-दाश्त वापस आ गई है
वो जितनी हमारे क़रीब थी, उतनी ही दूर हो गई

बेशक
हुज़ूर, हर बहार लूटी नहीं जा सकती
हर फूल कुचला नहीं जा सकता
Ghazala!
हुज़ूर, शहज़ादी लैला ने क़ीमती ज़ेवरात उतार कर फेंक दिए
और शादी के पोशाक के बदले काला लिबास पहन लिया है

और वो- (और क्या?)
और वो कहती हैं कि "मैं सारी ज़िंदगी Kais की मोहब्बत में ही गुज़ार दूँगी"
हमारी ज़िंदगी में ऐसी नहीं होगा
हुज़ूर, ऐसा ही होगा
ऐसा नहीं होगा, Ghazala
उनसे कह दो के "Ibn-E-Salaam की भीख नहीं माँगता, प्यार लूटता है"

लूटे हमारा प्यार
ये किसकी मजाल है
दिल जिसका हो चुका है
उसी का ख़याल है

प्यार कहते हैं जिसे

प्यार कहते हैं जिसे
शोला है वो, शबनम नहीं
ऐ ज़माने, देख लेना
तू नहीं या हम नहीं

प्यार कहते हैं जिसे
शोला है वो, शबनम नहीं

दिल पे जितने भी सितम हो
सब हमें मंज़ूर हैं
ये ना समझें, प्यार के दुश्मन के हम मजबूर है
ज़िंदगी कम हो तो हो

लेकिन मोहब्बत कम नहीं
लेकिन मोहब्बत कम नहीं
ऐ ज़माने, देख लेना
तू नहीं या हम नहीं

तू नहीं या हम नहीं
तू नहीं या हम नहीं

आज भी दुनिया हमारे इश्क़ के आबाद है
आज भी आँखों में वो हैं, दिल में उनकी याद है
आज भी उनके सिवा अपना कोई हमदम नहीं
...अपना कोई हमदम नहीं

ऐ ज़माने, देख लेना
तू नहीं या हम नहीं
प्यार कहते हैं जिसे
शोला है वो, शबनम नहीं

बिजलियाँ गिरती रहें, हरगिज़ ना दिल घबराएगा
कुछ नहीं परवाह हमें, जो होगा देखा जाएगा, जो होगा देखा जाएगा
मुश्किलों का डर नहीं बर्बादियों का ग़म नहीं
...बर्बादियों का ग़म नहीं

ऐ ज़माने, देख लेना
तू नहीं या हम नहीं

तू नहीं या हम नहीं
तू नहीं या हम नहीं
तू नहीं या हम नहीं



Credits
Writer(s): Naushad, Khumar Barabankvi
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