Oonche Parabt Gehre Sagar

ऊँचे परबत, गहरे सागर सबका भोझ उठाएँ
इसी लिए तो ये धरती धरती-माता कहलाए
ऊँचे परबत, गहरे सागर सबका भोझ उठाएँ
इसी लिए तो ये धरती धरती-माता कहलाए
ऊँचे परबत, गहरे सागर...

फूलों को बोझ ना समझे, चाहे झुक जाए डाली
फूलों को बोझ ना समझे, चाहे झुक जाए डाली
होगी वो कोई अभागन जिस माँ की गोद हो ख़ाली
जिस माँ का हो ना बेटा मर के भी गती ना पाए

ऊँचे परबत, गहरे सागर सबका भोझ उठाएँ
इसी लिए तो ये धरती धरती-माता कहलाए
ऊँचे परबत, गहरे सागर...

दिल माता का है सीपी, बेटा है उसका मोती
दिल माता का है सीपी, बेटा है उसका मोती
माता की आँखें दीपक, बेटा है उनकी ज्योति
ये अमर प्यार दुनिया में जुग-जुग से चलता आए

ऊँचे परबत, गहरे सागर सबका भोझ उठाएँ
इसी लिए तो ये धरती धरती-माता कहलाए
ऊँचे परबत, गहरे सागर...

इक बेटा भी था ऐसा जो निकला कातिल माँ का
इक बेटा भी था ऐसा जो निकला कातिल माँ का
जब वार वो करके भागा तो यूँ बोला दिल माँ का
"मत भाग, मैं तुझ पर वारी, तुझे ठोकर ना लग जाए"

ऊँचे परबत, गहरे सागर सबका भोझ उठाएँ
इसी लिए तो ये धरती धरती-माता कहलाए
ऊँचे परबत, गहरे सागर...



Credits
Writer(s): Rajinder Krishan, Chitragupta
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