Ishaara

पल-भर में तेरे हो जाएँगे
कोई इशारा तो करो
तेरे बिन कहाँ और किधर जाएँगे?
ज़रा समझा तो करो

साए से तेरे लिपट जाएँगे
कोई इशारा तो करो
चुपके से नींदों में आ जाएँगे
कोई इशारा तो करो
रातों से तेरी गुज़र जाएँगे
कोई इशारा तो करो

आँखों में देखो हमारी (हमारी)
नए ख़ाब कुछ चल रहे हैं (रहे हैं)
शायद ख़ुदा की है मर्ज़ी
हम और तुम मिल रहे हैं
हम और तुम मिल रहे हैं

चाहोगे जब तुम, क़रीब आएँगे
कोई इशारा तो करो
ना चाहोगे तो चले जाएँगे
कोई इशारा तो करो

कभी ना कभी तो ख़तम ही
हो जाएँगी अपनी साँसें
तब तक मेरा साथ देना
जितनी भी लंबी हों रातें
जितनी भी लंबी हों रातें

बदलोगे करवट नज़र आएँगे
कोई इशारा तो करो
आँखों में तेरी सिमट जाएँगे
कोई इशारा तो करो



Credits
Writer(s): Amal Israr Mallik
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