Kab Se Kab Tak

कोई तो हो जो हम को हम से मिला दे
कोई दिखा दे वो रास्ता
कोई तो हो जो हम को ये बता दे
ख़ुद से होते हैं ख़ुद कैसे जुदा

मैं सब से पूछूँ कि ये कब से कब तक हम से रग़बत
मैं सब से पूछूँ कि ये कब से कब तक हम से रग़बत
मैं सब से पूछूँ कि ये कब से कब तक हमसे रग़बत
Uh, कब से कब तक, uh, कब से कब तक हम से रग़बत

मैं सोचूँ हर घड़ी, ये सर चढ़ी तलब है या...
या इनकी बड़-बड़ी पे दिल मेरा धड़क गया?
ये बेसबर है आज, कहना चाहे तुझ को कुछ
तू मुझ से खुश तो बाँट लेना मेरा दुख

हम को हम से मिला दे
हम को हम से मिला दे, hey

है दोस्ती जो तुम से कर ली कब से हम ने
जब से ये रोशनी है तब से टूटे तारे रूठे रब से
क्या जादूगरी करी तूने है, छोरी रे?
चोरी किया दिल, चोरी, चोरी, चोरी रे

क्या सपने हमने भी सजा रखे हैं खूबसूरत
आशिक़ी है हद से ज़्यादा, इश्क़ में हूँ तेरे मूरख
मिला दे हम को हम से, ग़म को ढंग से महसूस करूँ
तेरे संग में मेरे सपने-अपने महफ़ूज़ रखूँ

मुझ को चाहिए तेरे इश्क़ का नशा
और तुझ को चाहिए मेरे दिल के टुकड़ों का मज़ा
देखो मुकरो ना, बता दो मुझको हाल-ए-दिल तुम्हारा भी
ठुकरो ना यूँ रिश्ते को तो जानो दिल हमारा भी

मैं सब से पूछूँ कि ये कब से कब तक हम से रग़बत
मैं सब से पूछूँ कि ये कब से कब तक हम से रग़बत
मैं सब से पूछूँ कि ये कब से कब तक हमसे रग़बत
Uh, कब से कब तक, uh, कब से कब तक हम से रग़बत

ज़िंदगी: ज़हर का प्याला, पी लिया पिया के नाम
जी गए तो दुनिया हारी, गिर गए गिरा के जाम
मुश्किलों से मुश्किलों की मुश्किलें सँभाली हैं
मुश्किलों की कजरी गा के कश्तियाँ सँवारी हैं

हमने भी वफ़ा की, हमने-हमने भी दग़ा की है
हमने ही जुदाई जीती, हमने ही सदा की है
हमने तुझ को पा के खोया, हमने तुझ को खो के पाया
हमने तेरे वास्ते ये लिख दी है क़व्वाली कि

नज़रों के ये काले घेरे, इनमें ही समा लो ना
अपने मैं बना लूँ इनको, दे दो मुझको, टालो ना
मैं छोड़ जाता दुनिया, लापता सा हो जो जाता
तो क्या तू खोजता, मैं सपने ओढ़ सो जो जाता?
मैं रोक पाता खुद को इस झमेले से तो
कहता ना यूँ तुझ को कि तू मुझ को अब अकेले छोड़

मैं सब से पूछूँ कि ये कब से कब तक हम से रग़बत
मैं सब से पूछूँ कि ये कब से कब तक हमसे रग़बत
Uh, कब से कब तक, uh, कब से कब तक हम से रग़बत



Credits
Writer(s): Utkarsha Kale, Ankur Tewari
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