Sau Tarah Ke (Revisited)

कल सुबह सोचेंगे जो आज रात किया
कल सुबह गिन लेंगे सारी ग़लतियाँ
तू मेरा अभी हो जा ना, अजनबी
फिर हम मिलेंगे ना कभी

कल सुबह चले जाएँगे है घर जहाँ
कल सुबह बोलें जो भी बोलेगा जहाँ
तू मेरा अभी हो जा ना, अजनबी
फिर हम मिलेंगे ना कभी

१०० तरह के रोग ले लूँ
इश्क़ का मर्ज़ क्या है
१०० तरह के रोग ले लूँ
इश्क़ का मर्ज़ क्या है

तू कहे तो जान दे दूँ
कहने में हर्ज़ क्या है
१०० तरह के रोग ले लूँ
इश्क़ का मर्ज़ क्या है (يلا حبيبي يلا)

बाँहों को बाँहों में दे-दे तू जगह
तुझसे तो दो पल का मतलब है मेरा
तेरे जैसे ही मेरा भी दिल खुदगर्ज़ सा है
तेरे जैसे ही मेरा भी दिल खुदगर्ज़ सा है

तू कहे तो जान दे दूँ
कहने में हर्ज़ क्या है

१०० तरह के रोग ले लूँ
इश्क़ का मर्ज़ क्या है
१०० तरह के रोग ले लूँ
इश्क़ का मर्ज़ क्या है

يا، يا، يا، يا حبيبي
يا، يا، يا، يا حبيبي
(يالله)

कल सुबह तक झूठा वाला प्यार करें
कल सुबह तक झूठी बातें चार करें
तू मेरा अभी हो जा ना, अजनबी
फिर हम मिलेंगे ना कभी

لا تخافي مهما قالوا
أنا قلبي هواكِ
ايوا ايوا
لا تخافي مهما قالوا
أنا قلبي هواكِ

तू कहे तो जान दे दूँ
कहने में हर्ज़ क्या है

१०० तरह के रोग ले लूँ
इश्क़ का मर्ज़ क्या है

(يا حبيبي)



Credits
Writer(s): Pritam Chakraborty, Ashish Pandit, Rakesh Kumar Pal
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