Kyun Ek Pal Mein

तेरे ही घर में क्यों हम
बेघर हुए है यूँ हम
झूठा लगे तू ओ जहां

साथ थी अपनी राहें
जी चाहा जब मिल जाए
मिलना ये होगा अब कहाँ
झूठा लगे तू ओ जहां

क्यों एक पल में, आज और कल में
तेरा मेरा रिश्ता है उलझन में
क्यों एक पल में, आज और कल में
तेरा मेरा रिश्ता है उलझन में

तू क्यों छुड़ा के बाहें
जाता है राह तेरी
ना दे मुझे तू सजा
सिक्वे गीले है जो भी
मुझको बयान करदे
मैं तेरा ही हूँ सदा

मैं मर ही जाऊंगा
तेरी छांव में
तेरी यादों में
तेरी आहों में
तेरी बाँहों में
मुझे थाम ले, थाम भी ले

तेरे ही घर की यादें
मिश्री सी मीठी बातें
अच्चा लगे क्यों ओ जहां
चहुँ मैं होना क्यों वहां

अब इस पल में
दिल हलचल में
समझ न आये
कुछ इस मन में



Credits
Writer(s): Sanjay Rajee, Uphaar
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