Intezari Unplugged

आ ना, आ भी जा ना, इंतज़ारी है तेरी
ले जा, जो रिश्तों की रेज़गारी है तेरी

वो जो हम रोए साथ थे
भीगे दिन और रात थे
खारे-खारे पानी की कहानी वो लेजा ना

आ ना, आ भी जा ना, इंतज़ारी है तेरी
ले जा, जो रिश्तों की रेज़गारी है तेरी

दाँत काटे, संग बाँटे
खट्टे-मीठे का मज़ा है
ज़बाँ पे अब भी ताज़ा, साथिया
चाँद देखो था जो हमने चार आँखों से कभी
कैसे देखूँ उसको तन्हा, साथिया?

दाँत काटे, संग बाँटे
खट्टे-मीठे का मज़ा है
ज़बाँ पे अब भी ताज़ा, साथिया
चाँद देखो था जो हमने चार आँखों से कभी
कैसे देखूँ उसको तन्हा, साथिया?

कभी यूँ ही ਤੱਕਨਾ तुझे, यूँ ही देखना
कभी बैठे-बैठे यूँ ही तुझे सोचना

वो पल क़रार के
वो जो थे लम्हें प्यार के
उन्हें मेरे ख़्वाबों से
खयालों से ले जा ना

आ ना, आ भी जा ना, इंतज़ारी है तेरी
ले जा, जो रिश्तों की रेज़गारी है तेरी

दाँत काटे, संग बाँटे
खट्टे-मीठे का मज़ा है
ज़बाँ पे अब भी ताज़ा, साथिया
चाँद देखो था जो हमने चार आँखों से कभी
कैसे देखूँ उसको तन्हा, साथिया?

दाँत काटे, संग बाँटे
खट्टे-मीठे का मज़ा है
ज़बाँ पे अब भी ताज़ा, साथिया
चाँद देखो था जो हमने चार आँखों से कभी
कैसे देखूँ उसको तन्हा, साथिया?



Credits
Writer(s): Anurag Saikia, Shaakeel Azmi
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