Mohabbat Ko Lagi Kiski Baddua

मंदिर से या मस्जिद से या तो गिरजाघर से
हो, धरती से या अंबर से या पूछो बंदा परवर से
...पूछो बंदा परवर से, हो

मोहब्बत को किसकी लगी बद-दुआ
मोहब्बत को किसकी लगी बद-दुआ
कभी दो दिलों का मिलन ना हुआ
मोहब्बत को किसकी लगी बद-दुआ

आए दिनों ये मिलन की सदाएँ
आँखें निहारे मोहब्बत की राहें
काटे कटे ना जुदाई की रातें
बहुत याद आए मोहब्बत की बातें
बहुत याद आए मोहब्बत की बातें

मोहब्बत को किसकी लगी बद-दुआ
कभी दो दिलों का मिलन ना हुआ
मोहब्बत को किसकी लगी बद-दुआ

ना पूछो, दीवानों का है हाल कैसा
एक पल गुज़रता है सौ साल जैसा
मेहबानी इतनी, मेरे ख़ुदा, कर
हमें मौत दे-दे, मगर, ना जुदा कर
हमें मौत दे-दे, मगर, ना जुदा कर

मोहब्बत को किसकी लगी बद-दुआ
कभी दो दिलों का मिलन ना हुआ
मोहब्बत को किसकी लगी बद-दुआ



Credits
Writer(s): Sameer
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