Mantriji

हो ओ ओ ओ ओ
हो ओ ओ ओ ओ ओ

दिल में सिर्फ़ देश भक्ति
ऐसा मेरा भीम राव रे
आधुनिक भारत का
एक ऐसा वो शिल्पकार रे

दिल में सिर्फ़ देश भक्ति
ऐसा मेरा भीम राव रे
आधुनिक भारत का
एक ऐसा वो शिल्पकार रे

बरसों से पानी की थी किल्लतें यहाँ
सोच से उसी के हुए हरेक खलियाँ
हो, बरसों से पानी की थी किल्लतें यहाँ
सोच से उसी के हुए हरेक खलियाँ

दामोदर, हीरा, कूँड़िया, बिलजी योजना
खुशियाँ लाई उसने कितनी यहाँ (कितनी यहाँ)
जल संधारण मंत्री ऐसा हुआ नहीं होगा कोई रे
आधुनिक भारत का एक ऐसा वो शिल्पकार रे

(हो ओ)
(हो ओ)
(हो ओ ओ ओ)

मजदूरों का जीना भी था मुश्किल बड़ा
बारह-बारह घंटे वो बहाए पसीना
हो, मजदूरों का जीना भी था मुश्किल बड़ा
बारह-बारह घंटे वो बहाए पसीना

भीम जी की पहल से देखो बदले हैं ठाठ
काम की अब्धी घटाई बारह से आठ
हो ओ ओ ओ
सुखद हुआ, सुलभ हुआ

मजदूरों का जीना यहाँ रे
आधुनिक भारत का एक ऐसा वो शिल्पकार रे
हो ओ
दिल में सिर्फ़ देश भक्ति

ऐसा मेरा भीम राव रे
आधुनिक भारत का
एक ऐसा वो शिल्पकार रे
शिल्पकार रे

(जय हो, जय हो, बाबा साहब की)
(जय हो, जय हो, बाबा साहब की)
(बाबा साहब की)



Credits
Writer(s): Rajesh Fattesing Dhabre
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