Tune Di Bekrari (Part-Ii)

कोई भी ना जाने वक़्त की मर्ज़ी को
किस मोड़ पे ला के हमें मजबूर ऐसे करे

कोई अपना लगे सपनों जैसा
बेगाना लगे अपनों जैसा

मेरी जाँ, तेरे लिए लूँगा मैं १०० जनम
तूने दी बेक़रारी है, मेरे सनम
तुझसे ही पाएँगे क़रार इस दिल का हम
तूने दी बेक़रारी है, मेरे सनम



Credits
Writer(s): Sameer
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