Gar Mera Bas Chale

'गर मेरा बस चले, मैं उड़ के वहाँ जाता
नीले अंबर के तले, जहाँ रोज़ ही शाम ढले
'गर मेरा बस चले, सूरज को छुपा देता
कर देता चाँदनी रात और रहता तेरे साथ

'गर मेरा बस चले, तुझे दिल से लगा लेता
और छेड़ के दिल का तार, गाता कोई नग़्मा-ए-प्यार

आ, हा, हा, हा-हा, ओ, मेरी जान-ए-जाँ
ओ, हा, हा, हा-हा, तू है कहाँ?

Oh, yeah
Hey, hey, hey

'गर मेरा बस चले, तुझे साथ मैं ले जाता
तारों से दूर उस पार जहाँ परियाँ करे इंतज़ार

नहीं और कोई अरमाँ, नहीं और कोई चाहत
बस एक ही है सपना, तू बने मेरा अपना
नहीं बस में दिल पागल, रोता है दिल पल-पल
तुझे कुछ भी नहीं है पता, क्या हाल हो गया है मेरा

आ, आ, आहा, आ-हो, मेरी जाँ
आ, हा, हा, हा-हा, तू है कहाँ?

'गर मेरा बस चले, इतना तुझे तड़पाता
और देता ये एहसास के मुझे बस तेरी ही आस

तू देखे, ना देखे, दिल चीर के दिखलाता

तू देखे, ना देखे, दिल चीर के दिखलाता
दिल में तेरी तस्वीर, पर मेरी कहाँ तक़दीर
तू दूर वहाँ सोई, आया ना जहाँ से कोई
जीना नहीं आया रास, जाना है तेरे पास
इतनी सी तमन्ना है, इतनी सी हसरत है
तू बुला ले मुझको वहाँ, मेरे हमदम, तू है जहाँ

आ, आ, आ-हा, ओ, मेरी जान-ए-जाँ
आ, हा, हा, हा-हा, तू है कहाँ?

'गर मेरा बस चले, मैं उड़ के वहाँ जाता
नीले अंबर के तले, जहाँ रोज़ ही शाम ढले
'गर मेरा बस चले, तुझे दिल से लगा लेता
और छेड़ के दिल का तार, गाता कोई नग़्मा-ए-प्यार

आ, हा, हा-हा, ओ, मेरी जान-ए-जाँ
आ, हा, हा, हा-हा, गर मेरा बस चले



Credits
Writer(s): Manohar Iyer, Raju Singh
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