Zindagi Ki Raahon Mein Ranjo Gham Ke Mele Hain

ज़िन्दगी की राहों में रंज-ओ-ग़म के मेले हैं
ज़िन्दगी की राहों में रंज-ओ-ग़म के मेले हैं

भीड़ है क़यामत की, भीड़ है क़यामत की
भीड़ है क़यामत की, फिर भी हम अकेले हैं
फिर भी हम अकेले हैं, फिर भी हम अकेले हैं
ज़िन्दगी की राहों में रंज-ओ-ग़म के मेले हैं

ज़िन्दगी की राहों में रंज-ओ-ग़म के मेले हैं
ज़िन्दगी की राहों में रंज-ओ-ग़म के मेले हैं

भीड़ है क़यामत की, भीड़ है क़यामत की
भीड़ है क़यामत की, फिर भी हम अकेले हैं
फिर भी हम अकेले हैं, फिर भी हम अकेले हैं
ज़िन्दगी की राहों में रंज-ओ-ग़म के मेले हैं

आईने के १०० टुकड़े करके हम ने देखे हैं
ओ, आईने के १०० टुकड़े करके हम ने देखे हैं
आईने के १०० टुकड़े करके हम ने देखे हैं

एक में भी तनहा थे
एक में भी तनहा थे, १०० में भी अकेले हैं
एक में भी तनहा थे, १०० में भी अकेले हैं

भीड़ है क़यामत की, भीड़ है क़यामत की
भीड़ है क़यामत की, फिर भी हम अकेले हैं
फिर भी हम अकेले हैं, फिर भी हम अकेले हैं
ज़िन्दगी की राहों में रंज-ओ-ग़म के मेले हैं

हर क़दम पे रंज-ओ-ग़म, घुट के मर ना जाएँ हम
ओ, हर क़दम पे रंज-ओ-ग़म, घुट के मर ना जाएँ हम
हर क़दम पे रंज-ओ-ग़म, घुट के मर ना जाएँ हम

किस तरह बताएँ हम...
किस तरह बताएँ हम, क्या-क्या दिल पे झेले हैं
किस तरह बताएँ हम, क्या-क्या दिल पे झेले हैं

भीड़ है क़यामत की, भीड़ है क़यामत की
भीड़ है क़यामत की, फिर भी हम अकेले हैं
फिर भी हम अकेले हैं, फिर भी हम अकेले हैं

ज़िन्दगी की राहों में रंज-ओ-ग़म के मेले हैं
ज़िन्दगी की राहों में रंज-ओ-ग़म के मेले हैं
ज़िन्दगी की राहों में रंज-ओ-ग़म के मेले हैं



Credits
Writer(s): Nikhil-vinay, Milind Sagar, Saba Afghani, Abdurrab Chaush Hairaan
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