Hum Bewafa Hargiz Na The

हम-तुम मिले, कोई मुश्किल ना थी
पर इस सफ़र की मंज़िल ना थी
ये सोच के दूर तुम से हुए
ये सोच के दूर तुम से हुए

हम बेवफ़ा हरगिज़ ना थे
हम बेवफ़ा हरगिज़ ना थे
हम बेवफ़ा हरगिज़ ना थे
हम बेवफ़ा हरगिज़ ना थे

हम-तुम मिले, कोई मुश्किल ना थी
पर इस सफ़र की मंज़िल ना थी
ये सोच के दूर तुम से हुए
ये सोच के दूर तुम से हुए

हम बेवफ़ा हरगिज़ ना थे
हम बेवफ़ा हरगिज़ ना थे
हम-तुम मिले, कोई मुश्किल ना थी

कुछ वक़्त मुश्किल था, उलझन में ये दिल था
इस डर से लौटे कदम
पर अब भी यादों में
ख़ाबों, ख़यालों में रहते हो तुम ही, सनम

रोते हैं रातों में, खोते हैं ख़ाबों में
टूटे हैं, बेबस हैं हम

तुम से हँसी कोई महफ़िल ना थी
पर इस सफ़र की मंज़िल ना थी
ये सोच के दूर तुम से हुए
ये सोच के दूर तुम से हुए

हम बेवफ़ा हरगिज़ ना थे
हम बेवफ़ा हरगिज़ ना थे
हम-तुम मिले, कोई मुश्किल ना थी

१०० दर्द रह-रह के सीने में उठते हैं
जब से हुए तुम ख़फ़ा
दिल रोज़ कहता है
तुम को बात दें ये, "क्यूँ हम हुए बेवफ़ा"

तुम माफ़ कर दोगे जब तुम सुनोगे
ये हम से हुई क्यूँ ख़ता
कोई ख़ुशी हम को हासील ना थी
पर इस सफ़र की मंज़िल ना थी

ये सोच के दूर तुम से हुए
ये सोच के दूर तुम से हुए

हम बेवफ़ा हरगिज़ ना थे
हम बेवफ़ा हरगिज़ ना थे

हम-तुम मिले, कोई मुश्किल ना थी
पर इस सफ़र की मंज़िल ना थी
ये सोच के दूर तुम से हुए
ये सोच के दूर तुम से हुए

हम बेवफ़ा हरगिज़ ना थे
हम बेवफ़ा हरगिज़ ना थे
हम बेवफ़ा हरगिज़ ना थे
हम बेवफ़ा हरगिज़ ना थे

हम बेवफ़ा हरगिज़ ना थे
हम बेवफ़ा हरगिज़ ना थे



Credits
Writer(s): Praveen Bhardwaj, Nikhil
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