Jaltey Bujhtey (Duet)

जलते-बुझते, मद्धम-मद्धम तारों में लिपटी रात है
कैसे जाने दे तुम्हें? तुमसे जुड़ी हर बात है
जलते-बुझते, मद्धम-मद्धम तारों में लिपटी रात है
कैसे जाने दे तुम्हें? तुमसे जुड़ी हर बात है

तेरे लबों पे मेरी कहानी
हाथों में मेरा हाथ है
कैसे ना चाहें तुम्हें? तुमसे ही तो ये रात है

यूँ सिलवटों में ही छुपे राज़ सारे रहने दो
ज़र्रा-ज़र्रा महसूस हो, लमहों को ऐसे बहने दो

दोहरा रही है फिर वो कहानी
फिर से वो ही जज़्बात हैं
कैसे जाने दे तुम्हें? तुमसे जुड़ी हर बात है

मानो के जैसे पाया जहाँ है
हाथों में जो तेरा हाथ है
कैसे ना चाहें तुम्हें? तुमसे ही तो ये रात है

बूँदों की ये साज़िशें करे कैसी हरकतें?
आहिस्ता-आहिस्ता से जगी हैं हसरतें

हाँ, महकी है तुमसे चाँदनी, तुमसे ही तो बरसात है
कैसे जाने दे तुम्हें? तुमसे जुड़ी हर बात है
तेरे लबों पे मेरी कहानी, हाथों में मेरा हाथ है
कैसे ना चाहें तुम्हें? तुमसे ही तो ये रात है



Credits
Writer(s): Arko
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