Jaltey Bujhtey

जलते-बुझते, मद्धम-मद्धम तारों में लिपटी रात है
कैसे जाने दे तुम्हें? तुमसे जुड़ी हर बात है
जलते-बुझते, मद्धम-मद्धम तारों में लिपटी रात है
कैसे जाने दे तुम्हें? तुमसे जुड़ी हर बात है

यूँ सिलवटों में ही छुपे राज़ सारे रहने दो
नज़दीकियाँ महसूस हो, लमहों को ऐसे बहने दो

दोहरा रही है फिर वो कहानी
फिर से वो ही जज़्बात हैं
कैसे जाने दे तुम्हें? तुमसे जुड़ी हर बात है

बूँदों की ये साज़िशें करें कैसी हरकतें?
आहिस्ता-आहिस्ता से जगी हैं हसरतें

हाँ, महकी है तुमसे चाँदनी, तुमसे ही तो बरसात है
कैसे जाने दे तुम्हें? तुमसे जुड़ी हर बात है

जलते-बुझते, मद्धम-मद्धम तारों में लिपटी रात है
कैसे जाने दे तुम्हें? तुमसे जुड़ी हर बात है



Credits
Writer(s): Arko, Abhiruchi Chand
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