Sanam

ये साँसें तपती हैं साँसों से तेरी
बाहें तड़पती हैं बाहों को तेरी
अपना बना के यूँ छोड़ो ना मुझको, सनम

डूबूँ मैं इस क़दर आँखों में तेरी
टूटूँ मैं इस क़दर बाहों में तेरी
यूँ पास आ कर अपनी मोड़ो ना राहें, सनम

एक साथ है या वस्ल है तू
तू तुझे छू कर देखूँ, सनम

मदहोशी करती हैं बातें ये तेरी
मेरे लबों पर है ख़ामोशी ठहरी
कैसी घड़ी है ये? बहके है मेरे क़दम

साँसों से उलझी हैं साँसें ये मेरी
ज़ुल्फ़ें सुलझती हैं हाथों से तेरी
कैसा ये जादू है? महकी है साँसें, सनम

कोई ख़्वाब हूँ या अस्ल हूँ मैं
मुझे छू कर देखो, सनम



Credits
Writer(s): Puneet Dixit, Shivangi Shukla
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