Dada Ka Gnan Dada Ka Gnan

दादा का ज्ञान दादा का ज्ञान

दादा का ज्ञान दादा का ज्ञान
दादा का ज्ञान दादा का ज्ञान
सुख दु:ख मान अपमान जीवन में
उदय हैं अपने ही कर्मों के
सुख दु:ख मान अपमान जीवन में
उदय हैं अपने ही कर्मों के
समभावे निकाल की युक्ति बताकर
निमित्त निर्दोष का राज़ बताया।
दादा का ज्ञान दादा का ज्ञान
दादा का ज्ञान दादा का ज्ञान

मैं और मेरा का झगड़ा मिटा के
मोह आसक्ति के बंधन छुड़ा के
मैं और मेरा का झगड़ा मिटा के
मोह आसक्ति के बंधन छुड़ा के
देह की कारा से मुक्त करा के
शुद्ध स्वरुप का निश्चय कराया
दादा का ज्ञान दादा का ज्ञान
दादा का ज्ञान दादा का ज्ञान

दादा भगवान की कृपा को पाकर
वचन बल के संबल को लेकर
दादा भगवान की कृपा को पाकर
वचन बल के संबल को लेकर
पाँच आज्ञा की राह पे चलकर
जीवन मुक्ति का मिल गया इशारा
दादा का ज्ञान दादा का ज्ञान
दादा का ज्ञान दादा का ज्ञान

कर्तापन का बोझ उठाकर
भोक्तापन से दु:खों को भोगा
कर्तापन का बोझ उठाकर
भोक्तापन से दु:खों को भोगा
व्यवस्थित शक्ति का रहस्य खोला
ज्ञाता दृष्टा का भाव जगाया
दादा का ज्ञान दादा का ज्ञान
दादा का ज्ञान दादा का ज्ञान

सुख दु:ख मान अपमान जीवन में
उदय हैं अपने ही कर्मों के
समभावे निकाल की युक्ति बताकर
निमित्त निर्दोष का राज़ बताया।
दादा का ज्ञान दादा का ज्ञान
दादा का ज्ञान दादा का ज्ञान
दादा का ज्ञान दादा का ज्ञान
दादा का ज्ञान दादा का ज्ञान



Credits
Writer(s): Dada Bhagwan
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