Tab Dil Se Uthi Awaz

तब दिल से उठी आवाज़ मैं हूँ ना तेरे साथ
तब दिल से उठी आवाज़ मैं हूँ ना तेरे साथ
तू कर दादा का काम आज्ञा ही मुक्ति का नाम
जीवन में कभी न रुकना हम यहीं हैं गए कहीं ना
तब दिल से उठी आवाज़ मैं हूँ ना तेरे साथ

अनंत जन्मों के बंधन से पल में हम को मुक्त किया
किन लब्ज़ों में करूँ बयाँ दादा जी आपका शुक्रिया दादा जी आपका शुक्रिया
तब दिल से उठी आवाज़ मैं हूँ ना तेरे साथ
तब दिल से उठी आवाज़ मैं हूँ ना तेरे साथ

खुद से था अनजान सदा मैं मुझसे मुझको मिलवाया
कलिकाल में दुर्लभ आतम ज्ञान दीप यूँ जलाया ज्ञान दीप यूँ जलाया
तब दिल से उठी आवाज़ मैं हूँ ना तेरे साथ
तब दिल से उठी आवाज़ मैं हूँ ना तेरे साथ

नहीं मिले हम प्रत्यक्ष आपसे कभी ना ये महसूस किया
दिल मंदिर को उज्जवल करने जला गए हैं ज्ञान दिया कभी ना ये महसूस किया
तब दिल से उठी आवाज़ मैं हूँ ना तेरे साथ
तब दिल से उठी आवाज़ मैं हूँ ना तेरे साथ

ज्ञान बीज ना मुरझाए रक्षण भी दिया पाँच आज्ञा का
आज्ञा पालन से पाएँगे हम दादाजी का साथ सदा हम दादाजी का साथ सदा
तब दिल से उठी आवाज़ मैं हूँ ना तेरे साथ
तब दिल से उठी आवाज़ मैं हूँ ना तेरे साथ

सुख और शांति के तंतु से बंध जाए सारी दुनिया
कैसी कला की दादाजी मोक्ष मार्ग आसान किया मोक्ष मार्ग आसान किया
तब दिल से उठी आवाज़ मैं हूँ ना तेरे साथ
तब दिल से उठी आवाज़ मैं हूँ ना तेरे साथ



Credits
Writer(s): Dada Bhagwan
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