Bhedi

आँच-आँच तू जले, मैं काँच बनके बहूँ
छोड़ दूँ मैं साथ अपना, संग तेरे चलूँ
संग तेरे चलूँ

ना भेदी भेद बतावे
ना ख़बरी ख़बर ले आवे
है इश्क़ ज़हर का प्याला
क्यूँ लेने को मन ललचावे?

ना भेदी भेद बतावे
ना ख़बरी ख़बर ले आवे
है इश्क़ ज़हर का प्याला
क्यूँ लेने को मन ललचावे?

ये तेरी बाँहों के किनारे
छोड़ कर जाऊँ मैं कहाँ?
रेत में तू मेरा समंदर
बिन तेरे मैं हूँ बेनिशाँ

जागा हूँ मैं, जागा हूँ सदी दो सदी
आ के तू सुला दे बस घड़ी दो घड़ी
बस घड़ी दो घड़ी

ना भेदी भेद बतावे
ना ख़बरी ख़बर ले आवे
है इश्क़ ज़हर का प्याला
क्यूँ लेने को मन ललचावे?

ना भेदी भेद बतावे
ना ख़बरी ख़बर ले आवे
है इश्क़ ज़हर का प्याला
क्यूँ लेने को मन ललचावे?

ये ज़मीं जिस्म पे पहन लूँ
ओढ़ लूँ सर पे आसमाँ
मैं ही मैं, मैं ही मैं मिलूँगी
जाए तू, जाए तू जहाँ

टूटे सारे लम्हें हाथ से यूँ गिरे
आ के तू पिरो दे रात-दिन ये मेरे
रात-दिन ये मेरे

ना भेदी भेद बतावे
ना ख़बरी ख़बर ले आवे
है इश्क़ ज़हर का प्याला
क्यूँ लेने को मन ललचावे?

ना भेदी भेद बतावे
ना ख़बरी ख़बर ले आवे
है इश्क़ ज़हर का प्याला
क्यूँ लेने को मन ललचावे?



Credits
Writer(s): Manoj Muntashir
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