Beparvah

करते हुए
ख्वाबों से दोस्ती हम करते गए
बुनते हुए
तारों के आशियाँ हम बुनते गए

दिल का क्या था पता?
दिल को संभाले भी हम
चलते गए

क्या है दिल?
ओ, क्यूँ है दिल?
रुई में लपेटे रखा था ये दिल

क्या है दिल?
ओ, क्यूँ है दिल?
रुई में लपेटे रखा था ये दिल

बेपरवाह, बेपरवाह
बेफ़िक्रा, बेपरवाह

बटोरता रहा
उन टुकड़ो को जिनमें तू
तू था छुपा

फुसलाता रहा
बेहलता रहा उन लम्हों को जिसमें
तेरी है सदा

दाखिला है लिया
किफ़ायती सपनों में चलते हुए
मिल गया वो क़ाफ़िला
बरसों से जिसको मैं ढूँढता रहा

मिल गया वो, वो रास्ता
मौसमों ने लिखा है जिसका पता

बेपरवाह, बेपरवाह
बेफ़िक्रा, बेपरवाह



Credits
Writer(s): Rev Shergill
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